मोशे रायनेकी ( जन्म - १८८१, शेदिल्स, पोलैंड; मृत्यु- १९४३ ट्रेब्लिन्का, पोलैंड) का जन्म एक उच्च माध्यम वर्गीय रुढ़िवादी ईसाई परिवार में हुआ था | उन्हें चित्रकला में प्रशिक्षण शेदिल्स में ही निजी तौर पर कलाकार इग्नाची गायव्सकी से प्राप्त हुआ था और आगे चलकर उन्होंने १९०६-१९०७ में पोलैंड के वॉरसॉ में स्कूल ऑफ़ फ़ाईन आर्ट्स में पढाई की | रायनेकी की चित्रकला में वॉरसॉ के दरिद्र यहूदी ज़िलों की एक बहुआयामी हलक देखने को मिलती है | वह ज़्यादातर श्रम के दृश्यों को दर्शाया करते थे |
रायनेकी ने बालपन से ही चित्र बनाना शुरू कर दिया था | उनके परिवार द्वारा बताई गयी कहानियो के अनुसार, वह चाक और कभी- कभी रंगों का इस्तेमाल करते हुए घर की दीवारो एवं फर्श पर चित्रकारी किया करते थे | उनके पुत्र जॉर्ज ने अपने एक संस्मरण में उन्हें याद करते हुए लिखा की , "उन्हें कभी भी 'दाऊ शाल्ट नौट क्रिएट इमेजेज (अर्थात: चित्रों का निर्माण वर्जित है )' जैसे पावन धर्मादेश का उल्लंघन करने के लिए दण्डित नहीं किया गया |" रायनेकी ने अपने पुत्र को एक बार चित्रकारी को लेकर अपना जूनून साझा किया था| उन्होंने कहा था,"भगवान् ने मुझे यह प्रतिभा दी है और मैं इस प्राकृतिक कड़ी को तोड़ने में विश्वास नहीं रखता | मुझे यह करना ही है | अगर ऊपर वाला मुझे चित्रकारी से वंचित रखना चाहता था, तो मेरे अन्दर जो भीं मैं देखता हूँ उसे कागज़ या कैनवास पर अमर कर देने की एक तीव्र ललक और इच्छा क्यों जाग्रत होती है ? मैं ज एक लेखक ही हूँ, जो शब्दों की बजे अपना सन्देश चित्रों में छोडता है | मुझे बाइबिल में दिए गए चित्रों से सम्बन्धी धर्मादेशों का उल्लंघन करने में कोई दिलचस्पी नहीं है |"
रायनेकी प्रतीकात्मक दृश्य, परिदृश्य और 'पोर्ट्रेट' बहुत कम ही बनाया करते थे | वॉरसॉ के यहूदी ऐतिहासिक संस्था में पाए जाने वाले इस १९३१ में बनाये गए "स्वयं- चित्र" के जैसी कृतियाँ उनके संग्रह में बेहद ही कम पायी जाती हैं |
आज की यह प्रस्तुति यहूदी ऐतिहासिक संस्था के सहयोग के कारण सफल हो पायी है जिसका हम उन्हें तहे दिल से धन्यवाद करते हैं | मोशे रायनेकी एवं उनके काम के बारे में और जानने के लिए आप संलग्न लिंक पर जा सकते हैं : Delet portal
और हाँ एक और बात : रायनेकी साहब की पर-पोती, एलिज़ाबेथ रायनेकी आज भी अपने पर-दादा द्वारा बनायीं गयी उन कलाकृतियों की तलाश कर रही हैं, जो दुर्भाग्यवश दुसरे विश्व-युद्ध के दौरान कही खो गयी थीं| इस विषय के बारे में और जानकारी हासिल करने के लिए आप निम्नलिखित लिंक पर जा सकते हैं: