बारबरा वैन बेक की पोर्ट्रेट by Unknown Artist - १६४० के दशक के आस पास  - - बारबरा वैन बेक की पोर्ट्रेट by Unknown Artist - १६४० के दशक के आस पास  - -

बारबरा वैन बेक की पोर्ट्रेट

कैनवास पे तेल • -
  • Unknown Artist Unknown Artist १६४० के दशक के आस पास

यह पेंटिंग एक ऐसी अनुवांशिक बीमारी से ग्रसित महिला का दुर्लभ चित्रण करती है जिसमे उसके शरीर में बालों की अत्यधिक बढ़त होती है। इस कृति को वेलकम संकलन ने अधिगृहित किया है, जो कि असाध्य जिज्ञासुओं के लिए एक निशुल्क संग्रहालय एवं पुस्तकालय है। यह कृति उसी महिला के पांच मौजूदा मुद्रणों के साथ शामिल होती है जो कि संकलन के पास हैं। यह चित्र अलग अलग शताब्दियों में विभिन्न बीमारियों के साथ जीने वाले व्यक्तियों की पोर्ट्रेटों की एक पहले से ही विस्तृत श्रृंखला को और बढ़ाता है। यह चित्र जो कि १६४० के दशक का है, एक दुर्लभ जन्मजात एंडोक्राइन बीमारी के साथ जीने वाले एक व्यक्ति का प्रमाणिक दस्तावेज़ है। यह बीमारी सम्भवतः हाइपरट्राईकोसिस हो सकती है जिसे एम्ब्रॉस सिंड्रोम भी कहा जाता है। गोंजालेस परिवार के चित्रों के साथ यह चित्र एक ऐसी बीमारी के साथ जीने वाले इंसान के सबसे शुरूआती चित्रणों में से एक है जिसमे चेहरे के साथ अक्सर पूरा शरीर बालों से ढँक जाता है। इस चित्र में वैन बेक को गहरे गले का एक मंहगा रेशमी गाउन पहने हुए दिखाया गया है जो कि उनके स्त्रीत्व पर बल देता है और अपने समय के हिसाब से काफी फैशनेबल भी है।

बारबरा वैन बेक का जन्म ऑग्सबर्ग के निकट, बवेरिया में बारबरा उरसलर के रूप में १६२९ में हुआ था। उनका विवाह नेदरलैंड के योहान माइकल वैन बेक के साथ हुआ, जो कि उनके मैनेजर भी थे और उन्हें एक संतान भी हुई।बारबरा ने यूरोप का व्यापक रूप से भ्रमण किया, जिसमे कि वो लंदन कम से कम दो बार गयी थीं: बाल्यावस्था में एक बार और दूसरी बार १६५७ में जब लेखक, डायरी लेखक और कुलीन बागवान जॉन एवेलिन ( १६२०-१७०६) ने अन्य उच्चवर्गीय कलाकारों के साथ उन्हें एक शो में देखा था। जॉन ने उनके बालों का वर्णन किया "घने और समान जैसे किसी भी महिला के सर पर होते हैं।" वो ये भी बताते हैं कि बारबरा ने कितने सुव्यवस्थित ढंग से कपडे पहने थे, उनके "बहुत उम्दा डील-डौल थे", और कैसे वो "बहुत शानदार तरीके से हर्प्सिकोर्ड बजा रही थी"। एवेलिन, सैमुएल पेपीस के बहुत अच्छे दोस्त थे जिन्होंने कुछ साल बाद ही लंदन में समान बीमारी से ग्रस्त एक महिला को दर्ज़ किया था।

हम जानते हैं कि बारबरा वैन बेक एक अंतराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त सफल सामाजिक हस्ती थीं और उन्होंने इस बीमारी को अपने लिए फायदेमंद बना लिया। इस कृति के बारे में काफी कुछ समझना बचा है और इसे एक विस्तृत पाठकवर्ग के लिए उपलब्ध कराकर हम आशा करते हैं कि न सिर्फ इस काल के विभिन्न सामाजिक एवं चिकित्स्कीय संदर्भों को बेहतर तरीके से समझेंगे अपितु स्वयं को जीवन, स्वास्थ्य और दुनिया में हमारे स्थान के बारे में सोचने के लिए प्रेरित करेंगे। बारबरा वैन बेक की पोर्ट्रेट लंदन के वेलकम संकलन में २०१८ के शुरुआत में दर्शन के लिए उपलब्ध रहेगी। वेलकम संकलन में २०१८ के पतझड़ में 'सौंदर्य की सभ्यता' पर होने वाले एक प्रमुख सम्मलेन में भी इसका प्रदर्शन किया जायेगा।

हम आपको वेलकम संकलन की अन्य पेंटिंगों को देखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। उनके स्थायी प्रदर्शनियों में से एक 'मेडिसिन मैन' कुछ स्तब्ध करने वाली कृतियों को दर्शाता है! यह लेख देखें "कला में चिकित्सा का इतिहास, वेलकम पुस्तकालय लंदन स्थित कलाकृतियों का संग्रह।"