हेराल्ड स्लॉट-मोलर (1864–1937) को अंग्रेज़ प्री-राफेलाइट कलाकारों और उनकी आदर्शवादी कला से प्रेरणा मिली थी।
‘वसंत’ नामक इस चित्र में अंकुरण और वृद्धि की प्रमुख अवधारणाओं को एक युवती की निष्कलंक और मासूम दुनिया के माध्यम से दर्शाया गया है, जहाँ अब तक शुद्ध मासूमियत सुरक्षित है। वह सड़क के किनारे फूलों से सजी पोशाक पहने बैठी है, उसके बालों में प्राइमरोज़ (बसंती फूलों) का एक मुकुट है — वह वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक बन जाती है।
इस चित्र में प्राकृतिक विवरणों की भरमार और पूरे चित्र की सजावटी गुणवत्ता के बीच एक रोचक सामंजस्य देखा जा सकता है। उदाहरण के लिए, पृष्ठभूमि में बना फियोर्ड का परिदृश्य जिसमें खेत, हल जोतते घोड़े और एक ग्रामीण गिरजाघर हैं — यह सब प्रकृति का यथार्थ चित्रण है। वहीं दूसरी ओर, बिलकुल इसके विपरीत, पुस्सी विलो की शाखाओं में परिंदों की लगभग सममित आकृति चित्र को एक सजावटी चौखटे में बाँध देती है।
इस थीम को चित्र की फ्रेमिंग और सजावट से भी और अधिक बल मिलता है, जिसमें एनामल से बनी वायलेट्स और नवांकुरित पौधों की सजावट की गई है।
हम यह चित्र आज आपके लिए लेकर आए हैं — हिर्शस्प्रुंग म्यूज़ियम के सौजन्य से!