फिनिश राष्ट्रीय चित्रदीर्घा ने अपने संग्रह में से उत्कृष्ट कृतियों की प्रतिकृतियों का मुद्रण जल्द ही शुरु किया है। यूरोपियाना की सहायता से हम उनके कार्यों को अगले दो रविवारों तक प्रदर्षित करेंगे। आनंद लें :)
एलिन क्लियोपैट्रा डैनियलसन-गैम्बोगी (3 सितम्बर1861 – 31 दिसंबर 1919) एक फिनिश चित्रकार थीं जिन्हें उनके यथार्थवादी कार्यों और चेहरे के चित्रों (पोर्ट्रेट) के लिये ज्यादा जाना जाता है। डैनियलसन-गैम्बोगी फिनिश महिलाओं की उस पहली पीढ़ी, कथित "चित्रकार बहनें" वाली पीढ़ी का हिस्सा थीं जिन्होंने चित्रकारी की पेशेवर शिक्षा हासिल की।
अपने बचपन से ही एलिन ने कला में एक प्राकृतिक प्रतिभा का प्रदर्शन किया। १५ वर्ष की उम्र में वो हेलसिंकी चली गईं जहाँ उन्होंने फाइन आर्ट्स अकादमी में पढ़ाई शुरु की। १८८३ में वो पेरिस चली गईं जहाँ उन्होंने कोलारोस्सी अकादमी में पढ़ाई की, जबकी गर्मियाँ ब्रिटनी में चित्रकारी करते हुए बिताईं।
छात्रवृति मिलने के बाद १८९५ में वो फ्लोरेन्स चली गईं। एक साल बाद वो एंटीग्नैनो गाँव चली आईं जहाँ उनकी मुलाकात और शादी इटैलियाई चित्रकार रैफेलो गैम्बोगी (१८७४-१९४३) से हुई। उन्होंने पेरिस, मिलान और फ्लोरेन्स सहित कई फिनिश शहरों में कला प्रदर्शनियाँ लगाईं।
उन्होंने स्वयं को आधे में चित्रित किया है शीशे या देखने वाले की तरफ हल्का मुड़े हुए। वो एक हाथ में एक तैल पट्टिका और दूसरे में एक पतला ब्रश पकड़े हुए हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि वो अपना स्व-चित्र दायें हाथ से चित्रित कर रही हैं लेकिन शीशे में चीजें बदल जाती हैं, यानि बायाँ हाथ दाएँ हाथ के जैसा दिख रहा है। जो सही है? पार्ष्व में पतला परदा प्रकाश को हल्का कर देता है। चित्रकार का सिर प्रकाश के प्रभामंडल से घिरा हुआ है। क्या वहाँ रोशनदान के आलावा भी प्रकाश का कोई स्रोत है? कलाकार स्वयं को देख कैसे रही है?