यूजीन डेलाक्रुआ फ्रांस के महान चित्रकारों में से एक हैं, परंतु उनकी आखरी बड़ी प्रदर्शनी 1963 में हुई थी, उनके मृत्यु के सो साल पूरे होने पर। कई सालों बाद न्यूयॉर्क के मेट्रोपॉलिटन म्यूज़ियम ऑफ आर्ट के साथ मिलकर लूव्र सांग्रालय ने एक ऐतिहासिक प्रदर्शनी लगाई थी जिसमें करीब 180 कलाकृतियाँ शामिल थे — ज़्यादातर चित्र— जो डेलाक्रुआ के पूरे कार्यकाल को समर्पित थी । यह प्रदर्शनी 23 जुलाई 2018 को खत्म हुई थी। वह साल की सबसे बड़ी और अहम कला प्रदर्शनी में से एक मानी गई थी।
27, 28 और 29 जुलाई को पेरिस में होने वाला विद्रोह, जिसको त्रोआ ग्लोरीज़स (तीन शानदार दिन) भी कहा जाता है, उदारवादी रिपब्लिकन ने सेकंड रेस्टोरेशन सरकार द्वारा संविधान के उलंघन के जवाब के तौर पर शुरू किया था। दसवे चार्ल्स, जो फ्रांस के आखरी बर्बन राजा थे, उनको ओर्लियों के ड्यूक, लुई फ़िलिप ने परास्त कर उनकी जगह ली थी। डेलाक्रुआ ने इस विद्रोह को अपने आँखों से देखा और अपने चित्र में इसको एक आधुनिक विषय के रूप में कथित किया; इसका परिफल वही रूमानी उत्साह दर्शाता है जो की उन्होंने मैसेकर ऐट चियोस में दर्शाया था, एक ऐसा चित्र जिसकी प्रेरणा ग्रीक स्वतंत्रता सगराम से ली गई थी।
इस चित्र में लिबर्टी की व्यंजना फ्रीजियन टोपी पहने एक युवति के रूप में दर्शाई गई है, जिसके बालों की लटें टोपी से निकलकर गर्दन पर गिर रही हैं। वह जोश, उग्र, विद्रोह और जीत के भाव से, 1789 की क्रांति, सेंस-कुलोट और स्वतंत्र राज्य को याद करती नज़र आती है। उसके दाहिने हाथ में, संघर्ष का प्रतीक, नीला, सफेद और लाल झंडा, रोशनी की और ज्वाला की तरह लहराता है।
दो पेरिस के युवा लड़के भी सहज तरीके से इस लड़ाई में कूद पड़े हैं: बाईं तरफ़ लड़का लाइट इन्फेंट्री टोपी पहने आँखों में हैरानी लिए पत्थर की दीवार से सटा हुआ है; परंतु इससे ज़्यादा मशहूर लिबर्टी के दाईं तरफ़ खड़ा लड़का गावरोचे है, युवा विद्रोह और न्याय के लिए बलिदान का प्रतीक। उसने छात्रों द्वारा विद्रोह का चिन्ह माने जाने वाली काली मखमली बेरेट टोपी पहनी है और कंधे पर एक बड़ी सी कारतूस की थैली लटकाई है। वह अपना दाहिना पैर आगे बढ़ाकर, एक हाथ ऊपर कर पिस्तौल लहराते हुए, होठों पर जंग का नारा लगाए विद्रोहियों को प्रोत्साहित करता है।
घुटनों पर बैठा, बुर्जुआ या फैशन परस्त शहरी टोपी पहना शख्स या तो डेलाक्रुआ ख़ुद या उनके कोई मित्र हो सकते हैं।यह व्यक्ति ढीला पाजामा और कारीगरी लाल फ्लेनेल बेल्ट पहने, दो-नाली बंदूक के साथ दर्शाया गया है। लिबर्टी का दृश्य देख पीली स्कार्फ पहने ज़मीन से उठता हुआ व्यक्ति, चित्र की नायिका की पोशाक की याद दिलाता है; उसकी क़मीज़ और लाल फ़्लैनल बेल्ट पेरिस के अस्थाई कर्मियों का चिन्ह महसूस होती है। नीले जैकेट, लाल बेल्ट, और सफेद क़मीज़ यह तीनो रंग फ्रांस के झंडे को दर्शाते हैं।
इस सजीव और प्रगतिशील काम ने 20वी सदी के एक महत्वपूर्ण कलाकार को एक ऐसा ही प्रतिष्ठित मास्टरपीस बनाने को प्रेरित किया। हम किसकी बात कर रहे हैं ? यहाँ है जवाब।