रुपर्ट बन्नी (१८६४-१९४७) एक ऑस्ट्रेलियाई चित्रकार थे जो पेरिस में रहते और काम करते एक सफल कलाकार बने. बन्नी किलडर, विक्टोरिया में पैदा हुए, और २० वर्ष की उम्र में पेरिस के लिए रवाना हुए जहाँ उन्होंने अगले पांच दशक बिताए.
शताब्दी के शुरुआत में बन्नी पैरिसियन कलाकार समुदाय में अच्छी तरह से स्थापित हो गए और प्रतिष्ठित पेरिस सैलून में प्रदर्शित किये जाने वाले पहले ऑस्ट्रेलियाई चित्रकार बने. बन्नी फ्रेंच प्रभाववाद से बहुत प्रभावित थे लेकिन बाद में हेनरी मतिसे की शैली ने उन्हें प्रेरित किया. वे मुख्यतः बड़ी कैनवास के लिए जाने जाते थे जिनमे उंघती, निद्राशील महिलाओं की छवि को विश्राम करते या मनोरंजक कार्यों में आनंद लेते दर्शाया. उनकी खूबसूरत फ्रेंच पत्नी, जीन मोरेल अक्सर इन भव्य दृश्यों में महिला प्रतिरूप होती थी.
बन्नी ने भूदृश्य, आकृति अध्ययन और पौराणिक कथा और साहित्य से दृश्यों को भी चित्रों में उकेरा. उन्हें एक जानकार रंगकार माना जाता है जैसा की इस चित्र में साफ़ दिख रहा है. यहाँ हम अटलांटिक तट के संत जॉर्ज दे डिडोंने के तटीय रिसोर्ट पर छुट्टी का आनंद उठाते लोगों को देखते हैं. बन्नी ने अपने रंगो की जबरदस्त समझ से इस ग्रीष्म ऋतू के सुन्दर दिन की तस्वीर में रम्यता और जीवन भर दिया है.
अपनी पत्नी के मृत्यु के उपरांत बन्नी ५५ साल बाहर रहने के बाद ऑस्ट्रेलिया वापस लौट आये. उन्होंने एक सादा जीवन जीते हुए चित्रकारी और प्रदर्शनी जारी रखा और अपने मृत्यु से एक वर्ष पूर्व अपने कार्यो का गतावलोकी प्रभाव अपनी मातृभूमि पर देखा.
हैडी वेर्बेर
पि.एस. झींगा ही नहीं बल्कि लॉबस्टर ने भी कला में अपनी जगह बनाई- यहाँ आप पाएंगे कला में प्रसिद्ध लॉबस्टरों का एक बेहतरीन चुनाव :)