नॉर्वे के कलाकार हैराल्ड सोहेलबर्ग (1869-1935) द्वारा यह भव्य परिदृश्य रहस्यमयी रोंडेन के पर्वतों को दर्शाता हैं l सोहेलबर्ग प्राकृति से अधिक प्रभावित थे, विशेष रूप से रोंडेन के पर्वत जहाँ वह 1899 में स्कीइंग की यात्रा करने गए थे। उन्होंने अपने जीवनकाल में कईं बार इस क्षेत्र की यात्रा की और अनगिनत चित्र एवं शिलामुद्रण चित्र भी बनाये। पर्वतों की सर्द रातें सोहेलबर्ग का सबसे प्रसिद्ध चित्र है और इसे नॉर्वे का राष्ट्रीय चित्र भी माना जाता है। यह एक यथार्थवादी चित्र न हो कर कईं चित्रों, फोटों और चित्रित अध्ययनों का परिणाम है, जिसे पूरा करने में 14 वर्ष लग गए। इस प्रकार सोहेलबर्ग जिन स्थानों की यात्रा करतें उन्हें अक्सर अपने चित्रों में पौराणिक रूप से दर्शाते, जो एक ही साथ साधारण एवं असाधारण प्रतीत होते l
रोंडेन पर्वतों को पहली बार देखकर सोहेलबर्ग ने लिखा, " मैं ऐसी भावनाओं के सैलाब में बह गया था जिनका अनुभव मैंने पहले कभी नहीं किया था l मैंने जितनी देर उस दृस्य को देखा, मुझे उतना ही अपने अकेलेपन और बेबस अस्तित्व का अहसास हुआ जो इस विशाल ब्रह्मांड में एक अणु के सामान हैं l"
चित्र में गहरे नीले रंगों का प्रयोग किया है जो 19वीं शताब्दी के अन्य नॉर्वे के चित्रकारों जैसे एडवर्ड मुंच, ऐलीफ पीटरसेन और निकोलाई ऐस्ट्रप की कला के भी प्रमुख विषय थे।
यह चित्र नासयोनालमुसीत के संग्रह से लिया गया है जिसे हेराल्ड सोह्लबर्ग: पेंटिंग नॉर्वे के नाम से लंदन के डुलविच पिक्चर गैलरी में आज से 2 जून तक दिखाया जा रहा है l साथ ही यहाँ कलाकार की 150 वर्षगांठ भी मनाई जा रही है।