यह दृश्य १९वीं शताब्दी के अंत में मोंटमार्टे में पेरिस की रात्रिकालीन क्रीड़ाओं के विशिष्ट किरदारों का है। नाचती हुई महिलाओं में एक विदूषक चा-उ-काओ हैं। उनके पीछे फ़्रांसीसी गायिका जेन ऐव्रिल दर्शक की ओर पीठ करके खड़ी हैं।लौट्रेक परम्परागत फ़्रांसीसी चित्रकारी का अनुकरण करते हुए सामाजिक दृश्यों का चित्रण करते थे। वे यथार्थवादीयों की तरह दृश्य का प्रतिरूप चित्रित करके संतुष्ट नहीं थे; बल्कि वे दृश्य को अपने व्यक्तिगत अनुभव की छाप देते थे और इस तरह स्वयं को समाज के निम्न kirdaaro के समानांतर दर्शाते थे।
पुनश्च : हम आशा करते हैं की आपकी शाम अच्छी होगी...सम्भवतः नाच-गाने के साथ?
या फिर आप टूलूज़ लौट्रेक के साथ कैबरे चलिए! उनके बनाए इश्यतेहार यहाँ देखें।