हम अपना महीना स्टेट रुस्सियन संग्रहालय की कृतियों से जारी रखते हैं। हम इस हफ्ते का रुसी खज़ाना रविवार को ईस्टर होने के कारण शनिवार को प्रस्तुत करते हैं। कुछ बैले हो जाए ?
रुसी कलाकार सैराब्रिएकोवा एक कलात्मक परिवार में जन्मी। उनके चाचा ,अलेक्जेंडर बेनोइस, आर्ट मूवमेंट मीर इस्कुस्त्वा के संस्थापक सदस्य थे , जिससे सैराब्रिएकोवा निर्बाध रूप से संबद्ध रखती थी। मगर सैराब्रिएकोवा के पास अपने समकालीनों की संरचित कलात्मक शिक्षा नहीं थी। उन्होंने यथार्थवाद (रिअलिस्म), प्रभाववाद (इम्प्रेशनिसम ) और नियोक्लासिज्म जैसी शैलियों को अपनी रचनाओं में समाविष्ट किया, जो अक्सर उनके दोस्त , परिवार एवं रोज़मर्रा की ज़िंदगी को दर्शाते थे। वे अत्यंत स्वाधीन कलाकार थी। उनकी रूस के समय की काफ़ी सारी रचनाए उनकी खुद की सृजन थी , जो प्रेरित थी उनकी आस पास की दुनिया की सुंदरता से।
बैले और कलात्मक नेपथ्य के विषय सैराब्रिएकोवा के बहुत समीप एवं प्रिय थे। मंच पर प्रवेश करने की प्रक्रिया , नर्तकियों के सजने सवारने के वो क्षण , अपने रहस्य, विभिन्न बनावट, और चरित्र से कलाकार को आकर्षित करते थे।
अनुलेख - बैले नर्तकियों के सबसे जाने माने चित्रकार निश्चित रूप से एडगर डीगास है , यहाँ देखिये उनकी सबसे सुन्दर रचनाएँ।