मंत्रमुग्ध भीड़ के समक्ष , आदमी और जानवर के बीच एक दिलचस्प मुक़ाबला। अत्यंत उग्र , भाला पकडे एक घुड़सवार अपनी पूरी ताक़त के साथ आगे को झुकता है और वो तैयार है आवेगहीन बैल को भाले से मारने को। मरे हुए और ज़ख़्मी जानवर मैदान में पड़े हैं और हथियार बंद घुड़सवार के घोड़े के आस पास खून बिखरा है जो बैलों की लड़ाई के खेल का बर्बर व् हिंसक पहलु व्यक्त करता है। बैल की स्थिर आँखें घबराये हुए पुरुषों के झुण्ड को देख रही जो बर्बर जानवर का ध्यान भटकाने की कोशिश में है। फ्रांसिस्को हो डे गोया लूसंते ने ये चित्र अपने कला व्यावसायिक जीवन के बाद के वर्षों में बनाया जब उन्होंने अलग अलग तकनीकों के प्रयोग किये। इस चित्र में उन्होंने एक ग़ज़ब आज़ादी से रंग भरने में भरा हुआ पेंट ब्रश , अपनी उँगलियों व् पैलेट नाइफ का इस्तेमाल किया है। रंगों के भारी स्ट्रोक एक तनाव पूर्ण गति की तरफ इशारा करती है और चित्र के पृष्टभूमि में चेहरा विहीन भीड़ इस भावनात्मक मुक़ाबले में एक तनावपूर्ण माहौल दर्शाती है।
लेख : जे. पॉल गैटी म्यूजियम
पश्च्यलेख (P . S ): क्या आपको लगता है के गोया कला व्यवसाय में कामयाब हुए के नहीं ? जवाब यहाँ है।