इस कृति में दर्शक एक अज्ञात व्यक्ति को बेहद निज़ी क्षणों में देखता है I एक रोजमर्रा के दृश्य के में, जो हॉपर के हाथों में नाटकीय और रहस्यात्मक हो जाता है, एक नग्न स्त्री बिस्तर के किनारे पर घुटने टिकाये हुए है I उसका चेहरा उसके लम्बे बालों से ढका है जैसे वो खुली खिड़की के पर्दों की अचानक हरकत की प्रतिक्रिया में आश्चर्य या भय से अपना सर खिड़की की तरफ मोड़ती है I हॉपर ने कमरे के अंदर बेहद कम विवरण शामिल किये हैं जिससे इस दृश्य का भावनात्मक प्रभाव सर्वव्यापक बना रहे I उनकी नक्काशी की तकनीक, भारी क्रॉस हेचेड अँधेरी पृष्ठभूमि और सफ़ेद अनछुए कागज़ का खिड़की के बाहर के विस्तार में तीव्र विरोधाभास पैदा करता है, और दृश्य का धरातल इतना छिछला है की दर्शक स्त्री से एक शारीरिक निकटता महसूस करता है मIनो वो कमरे में उसके साथ मौजूद हो I
पि.एस. हॉपर अपने आइकोनिक चित्रकारी के लिए जाने जाते हैं किन्तु वे एक प्रतिभाशाली रेखा चित्रकार भी थे I उनकी नाईट हॉक्स, मॉर्निंग सन और कई रेखा-चित्र यहाँ देखे !