स्वप्नमय, विचारमग्न, ऊबी हुई - लड़की की अभिव्यंजना की जो भी व्याख्या करी जाए, फ़्रांसिसी कलाकार बर्थ मोरीज़ो ने जूली दिवास्वपनिल में अपनी १६ वर्षीय बेटी की एक प्रशांत मनोदशा को कैद किया है। इसकी 'सादी' पृष्ठभूमि वास्तव में भूरी और हरी स्पष्ट कूँची - रेखाओं से जूली के बालों के रंग को अन्योन्याश्रित और उसकी सफ़ेद पोषक को प्रकाशित करती है, जो खुद हलके स्लेटी और नीले रंगो में कृत है।
मोरीज़ो और मैरी कसैट फ़्रांसिसी प्रभाववाद के समुदाय की मात्र दो महिलाएँ थी, जो कि उन्नीसवी सदी का सबसे महत्वपूर्ण और प्रभावशाली कला आंदोलन था। वह यूजेन मैने से विवाहित थी, जो साथी प्रभाववादी एडूअर्ड मैने के छोटे भाई थे। उनके पति, खुद एक कलाकार, इस पेशे को छोड़ मोरीज़ो की वृत्ति के प्रबंधक बन गए थे। हालाँकि उनकी कलात्मक प्रतिभा को उनके पुरुष सहकर्मियों की बराबरी का माना जाता है, समाज की रीतियों के कारण मोरीज़ो और कसैट ज़्यादातर औरतों व् बच्चों के घरेलु दृश्य बनाने तक सीमित रहे। इस चित्र को पूरा करने के कुछ ही समय बाद, जूली शोकजनक अनाथ हो गयी जब मोरीज़ो, तीन साल पूर्व विधवा होने के बाद, चौवन की उम्र में निमोनिया से ध्वस्त हो गई।
- मार्टीना कोगन
उपलेख - जूली मैने को "प्रभाववाद की सुंदरी" कहा गया है। उन्हें बहुत से चित्रकारों ने अंकित किया है। उनसे इधर मिलें <3