समानता मानवता का पवित्र कानून है by Egbert Jacobson - १९०३ - १९१५ ई. समानता मानवता का पवित्र कानून है by Egbert Jacobson - १९०३ - १९१५ ई.

समानता मानवता का पवित्र कानून है

लिथोग्राफ •
  • Egbert Jacobson - 1890 - 1966 Egbert Jacobson १९०३ - १९१५ ई.

पहला "वुमन्स डे" समारोह ३ मई, १९०८ को शिकागो में मनाया गया था। यूएस सोशलिस्ट पार्टी द्वारा आयोजित इस समारोह ने १,५०० महिलाओं को एक साथ लाया था। यह दिन आधिकारिक तौर पर "महिला कार्यकर्ताओं की चुनौतियों" को समर्पित था। उनकी मांग थी आर्थिक एवं राजनीतिक समानता। अगले ही वर्ष, इसी प्रकार के एक उत्सव के लिए न्यूयॉर्क में महिलाएँ एकत्रित हुईं थीं। इन अमेरिकी पहलों से प्रेरित होकर, यूरोपीय समाजवादियों ने भी इस तरह का आयोजन किया था। अब यह दिन दुनिया भर में मनाया जा रहा है।

इस दिन हम आपको अमेरिकी मताधिकार आंदोलन के समय का एक पोस्टर दिखाना चाहते हैं। भले ही इसे एक पुरुष द्वारा डिजाइन किया गया था लेकिन इसके पीछे की कहानी बेहद शक्तिशाली है। महिलाओं के मताधिकार का धर्मयुद्ध अमेरिकी इतिहास के सबसे लंबे सुधार आंदोलनों में से एक है। १८३२ और १९२० के बीच, महिला नागरिकों ने मतदान के अधिकार के लिए अपने राज्यों एवं क्षेत्रों के साथ ही एक संघीय संशोधन के लिए याचिका दायर करके आंदोलन किया था।

प्राचीन ग्रीस और रोम से प्रेरित प्रतीकों के उपयोग ने रूढ़िवादी मूल्यों को आकर्षित किया और मताधिकार आंदोलन की सम्मान्यता पर जोर दिया। प्रोफ़ाइल में एक महिला समानता के दिव्य संदेशवाहक के रूप में अपनी भूमिका को चित्रित करने के लिए पंखों वाला हेलमेट पहने हुई है। जबकि लकड़ियों के गट्ठे के ऊपर बनी कुल्हाड़ी एकता में शक्ति का प्रतीक है। एक ग्राफिक डिजाइनर और रंग सिद्धांत एवं टाइपोग्राफी के मास्टर, एगबर्ट जैकबसन का विवाह एक प्रसिद्ध मताधिकारवादी, फ्रैंक डेलजेल जैकबसेन से हुआ था। उन्होंने अन्य पुरुषों की तरह, अपनी पत्नी का समर्थन किया था।

आज, उन महिलाओं की पीढ़ियों को याद कीजिए जिन्होंने अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया था। उन अधिकारों को हमें आज भी संरक्षित करके रखना होगा। और उन महिला कलाकारों की पीढ़ियों को मत भूलिए, जिनकी कहानियाँ सभी के समक्ष आकर बताए जाने का इंतजार कर रही हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएँ!

अनुलेख: कोई महान महिला कलाकार क्यों नहीं रही हैं? क्या सच में ऐसा था? यहाँ ऐसे पाँच महिला कलाकारों से मिलें जिनके कामों को पुरुषों द्वारा चित्रित बताया गया था!