आज ही के दिन 1577 में , यूरोपीय बारोक को दिशा देने वाले कलाकार पीटर पॉल रुबेंस का जन्म हुआ था। उनका महिला चित्रण का रुबेंस अंदाज़ उस वक़्त भी और आज भी मशहूर है और हम आज उनकी ऐसी ही एक कृति प्रस्तुत कर रहे हैं।
रुबेंस ने पौराणिक किस्सों को अपनी बहुत सी कृतियों में रंगा था। इस वजह से वे नारी की खूबसूतरी के आदर्श को उजागर कर पाए और प्रेम व् उस जूनून के परिणामों को भी विचार कर पाए। "पेरिस का निर्णय " ऐसी ही एक पौराणिक घटना पर आधारित है जो बाद में ट्रॉजन युद्ध की अगुवाई करती है। इसकी शुरुआत थेटिस (Thetis ) व् पेल्युस (Peleus ) के विवाह से होती है, जहाँ एरिस (eris) जो की असल में कलह की देवी भी हैं , एक सुनहरी सेब विवाह में आये मेहमानों के बीच उछालती है और घोषणा करती है के ये सेब सबसे खूबसूरत देवी के लिए है। इस पर देवी जूनो , देवी मिनर्वा व् देवी वीनस आपस बहस शुरू कर देती हैं , वहां मौजूद जुपिटर वह सेब मर्करी के हवाले करते हैं और विवाद का फैसला पेरिस के हाथ छोड़ देते हैं। "निर्णय" में रोमन कवी ओविड (किताब हेरोइड्स XV , 65 -88 ) बताते हैं की पेरिस ने देवी वीनस को विजेता घोषित किया। इसके जवाब में देवी ने उन्हें (जुपिटर को )ट्रॉय की हेलेना प्रदान की (जो की पहले से शादीशुदा थी ) , जिसने ट्रोजन युद्ध को भड़काया।
ये चित्र 1638 या 1639 में बनाया गया था , ये संस्करण अब प्राडो में है और ये कलाकार रुबेंस की मृत्यु के कुछ वक़्त पहले ही पूरा किया गया था जब वे गाउट की समस्या से ग्रस्त थे। ये चित्र स्पेन के फिलिप IV के भाई, कार्डिनल इन्फान्ते ऑस्ट्रिया के फर्डीनांड द्वारा बनवाया गया था और वे इस चित्र को रुबेन का सबसे बेहतरीन चित्र मानते थे परन्तु चित्र में प्रदर्शित तीन महिलाओं की नग्नता के प्रति भी चिंतित थे। फर्डीनांड की मृत्यु के बाद ये चित्र स्पेनिश राज के संघ्रह में रखा गया। 1788 में स्पेन के चार्ल्स III ने फैसला किया के इस चित्र के अश्लील होने के कारण इसे जला दिया जाए, परन्तु ऐसा न हो सका चूँकि इस आदेश को पारित करने से पहले ही उनकी मृत्यु हो गयी (किस्मत से )
कल मिलते हैं
पाश्च्यालेख (P.S.): अगर आप जानना चाहते हैं के हमे कैसा दिखना चाहिए तो पूछे "थ्री ग्रसेस" से