१७९८ में आज ही के दिन फर्डीनंड विक्टर युजीन डेलाक्रोइक्स, एक फ्राँसीसी रूमानी चित्रकार जिन्हें अपने पेशेवर दिनों से ही फ्रांसीसी रूमानी विद्यालय के नेता की उपाधि हासिल है, पैदा हुए थे। आज इस उपलक्ष्य में हम उनकी एक बेहद ही प्रसिद्ध कृति को प्रदर्शित कर रहे हैं। :)
इस चित्र का विषय लॉर्ड बाइरोन की १८२१ में एक असीरीयाई राजा सरदानापालुस की जीवन पर लिखी गई एक नाटकीय कविता से प्रेरित है। अपने महल को दुश्मनों से भरा पाने पर वह आत्महत्या करने का निर्णय लेता है लेकिन उसके पहले वह अपने अधिकारियों को अपनी पत्नी, उसकी सहायिकाएँ, घोड़ों और यहाँ तक की कुत्तों सहित सभी कीमती सम्पत्तियों और वस्तुओं को अपने सामने नष्ट करने का आदेश देता है। डेलाक्रोइक्स ने पहले इस चित्र को सैलोन में १८२७-२८ के दौरान प्रदर्शित किया, जहाँ इसे बेहद कटु आलोचना झेलनी पड़ी।
डेलाक्रोइक्स की सरदानापालुस की मृत्यु एक खास वजह से विवादित और ध्रुवीकरण करने वाली थी: यह एक नवशास्त्रीय चित्र नहीं था। डेलाक्रोइक्स के लिए मुख्य चरित्र सरदानापालुस था, एक ऐसा राजा जो लोगों और ऐशोआराम की वस्तुओं सहित अपनी सभी सम्पत्तियों को अति हिंसा की रक्तरंजित चिता में जला देना चाहता था। यह व्यक्ति कोई नायक नहीं था। डेलाक्रोइक्स का सरदानापालुस नवशास्त्रीय परम्पराओं के विपरीत था, जो की सादे रंगों, कठोर जगहों और एक नैतिक विषय वस्तु की पक्षकार थीं। उसने अग्रसंक्षेपण कर मृत्यु के दृष्य को घुमाते हुए सीधे देखने वालों के जहन तक पहुँचाने का काम किया था, जो कि पारम्परिक शैक्षणिक चित्रकला में सादे क्रम के विपरीत था। एक समीक्षक ने तो चित्र को "कुरूपता का कट्टरपन" तक कह दिया था।
यह चित्र एक अधिक विशाल कृति की प्रतिलिपि हीहै जो कि अभी मुसे डी लुवरे में स्थित है। डेलाक्रोइक्स ने शायद संग्रहालय में रखे इस संस्करण को १८४६ में बड़ी कृति को बेचने से पहले अपने लिए चित्रित कर लिया होगा।
जुलाई २३, २०१८ तक आप लुवरे में उनके महान प्रबंध संबन्धी प्रदर्शनियों को देख सकते हैं। प्रदर्शनी बाद में मेट्रोपोलिटन कला संग्रहालय में दिखाई जाएगी। उसकी इस साल की सबसे महत्वपूर्ण प्रदर्शनी!
हम आपको डेलीआर्ट पत्रिका के आज के लेख में कलाकार के सबसे ज्यादा प्रसिद्ध कार्य "लिबर्टी लीडिंग द पीपल" के बारे में पढने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।