कला, पॉल सेज़ान ने एक बार कहा था "प्रकृति के साथ साथ चलने वाला तालमेल" है ना कि प्रकृति की नकल। ढाँचों और संरचनाओं की अपनी खोज में उन्होंने यह पाया की कलकार वास्तविक दुनिया की असली वस्तुओं को दर्शाने के लिए बाध्य नहीं है।
सेबों की टोकरी को अक्सर उनके इस असंबन्धित दृष्टिकोण के लिए जाना जाता है। उसे इसके असंतुलित भागों, झुकी हुई शीशी, टोकरी के कोण और मेज पर कपड़े की रेखाओं से ना मिलती हुई कुकीज़ की रेखाओं इत्यादि के कारण एक संतुलित संरचना माना जाता है। और तो और, मेज के उपर का दायाँ हिस्सा बाएँ हिस्से के समान ऊँचाई पर नहीं है, जैसे कि छवि को दृष्टिकोण दर्शा रही हो।
इस तरह की कलाकृतियों ने प्रभाववाद और घनवाद में एक पुल बनाने का काम किया।
यह चित्रकला सेज़ान का एक दुर्लभ हस्ताक्षरित कार्य है। यह पारसी कला व्यवसायी ऐम्ब्रोज़ वोलार्ड की १८९५ में कलाकार पर की गई एक महत्वपूर्ण प्रदर्शनी का एक हिस्सा थी। चूंकि सेज़ान ने अपने पेशेवर जीवन का अधिकांश हिस्सा अपने राज्य में एकांत में चित्रकला करते हुए बिताया था, यह आमजनमानस के लिए इस चित्रकार जिसे अब आधुनिक चित्रकला का पिता माना जाता है, का काम देखने का २० सालों में पहला मौका था।
कलाकार की स्थिर जीवन वाले चित्रों के बारे में जानने के लिए पढें "ऑल वी नो अबाउट सेज़ान्स फ्रुट्स"।