इस चित्र की महिला सबसे सुन्दर परी है। उसके पास इसे साबित करने के लिए तितलियों का मुकुट और पंखों के जोड़े हैं।
उसका यह सुन्दर चित्र उन्नीसवीं सदी की फ्रेंच-अंग्रेज कलाकार सोफ़ी गेंगेम्ब्रे एंडरसन (१८२३-१९०३) का कार्य है। एंडरसन ने अपना पूरा पेशेवर जीवन आदर्श बच्चों विशेषत: सुन्दर लड़कियों को चित्रित करने में बिताया। वह देहाती बच्चों को ग्रामीण परिवेश में, धनाढ्यों के बच्चों को आरामदायक घरों में और पौराणिक कहानियों में व्यक्त अलौकिक पात्रों को चित्रित करती थीं। इस चित्र की परी चार्ल्स ईडे की एक कविता से प्रेरित हो सकती है।
मुझे लगता है विवरण, रंग और प्राकृतिकता सभी मिलकर इस कलाकृति को अद्भुत बना देते हैं। परी का चमकता चेहरा और बाल, स्वर्णिम किनारों के गोटे वाली उसकी पारदर्शी सफेद पोशाक और चमकीला मुकुट सहित पीलेपन वाली हरियाली वाला पूरा रंगीन संयोजन इस चित्र की प्रमुख विशेषताएं हैं। आकृति के पीछे धुंध का चित्रण जो किसी और दुनिया के वातावरण जैसा ऐहसास कराती है माहौल में और रंग भरते हैं। चूंकि ब्रश चलाने में इनकी कुशलता इतनी ज्यादा थी यह यकीन करना मुश्किल होता है कि एंडरसन मुख्यत: स्वशिक्षित थीं।
एंडरसन के विषय उन्नीसवीं सदी के यूरोपीय कला आंदोलनों जैसे रूमानियत और पुरा-राफेलई में लोकप्रिय थे। वो अपने समय में सफल थीं लेकिन उनके सुंदर और भावुक कार्य बीसवीं सदी में बहुत नहीं चले। हालांकि हो सकता है कि वो वापसी करें, वैसे २००८ में उनकी एक कलाकृति दस लाख ब्रिटिश पाउंड से भी ज्यादा में बिकी।
- ऐलेक्ज़ेन्ड्रा केली
कभी कभी जब हम ऐसे चित्र देखते हैं तो अपना बचपन याद आने लगता है, अगर यह आपके लिए काफ़ी नहीं है तो देखें "लीला कैबोट पेरी की कलाकृतियों में बचपन".