हेनरी रैबर्न, एक स्वशिक्षित स्कॉटिश चित्रकार, एलेन बंधु (जेम्स और जॉन ली एलेन के स्वचित्र) के माध्यम से रूमानी दौर के स्वचित्र चित्रण की एक श्रेष्ठ प्रस्तुति देते हैं। इन दो चित्रों वाले स्वचित्र में एक बडा भाई है और एक युवा भाई है जो विभिन्न शैलियों में अलग अलग कार्यों में लिप्त हमारी ओर देख रहे हैं। इस क्षण में हमें उनके यौवन की उर्जा का एहसास होता है, वो किसी साहसिक कार्य के लिये तैयार प्रतीत हो रहे हैं। वो कोई घुड़सवार भाला-युद्ध खेल खेल रहे हो सकते हैं या केवल पुरानी रखी टोपियों को डंडे से मार रहे हों, फिर भी अच्छे से औपचारिक कपड़े पहने हुए और सावधानी की मुद्रा में हैं। एक भाई खडा है जबकि दूसरा एक बेंच पर पैर फैलाए हुए है। यहाँ पूरा ध्यान तो भाईयों की ओर है लेकिन फिर भी आसमान, एक बेंच और माहौल को सावधानी से गहरे रंगों और चौड़ी रेखाओं से चित्रित किया गया है।
ऱैबर्न ने एडिनबर्ग में १५ वर्ष की उम्र में एक नौसिखिए सोनार के रूप में काम शुरु किया था और उसके बाद १७६० में लोगों के छोटे चित्रों को बनाने की अपनी प्रतिभा को पहचानते हुए चित्रकारी शुरु की। इसके बाद वो पूरी तरह से पूर्ण तैल चित्रण के क्षेत्र में उतर गये जहाँ उनके स्वशिक्षित कार्यों को सम्मान और पुरस्कार मिला। उनका अच्छा विवाह हुआ और आर्थिक स्वावलंबन और सुरक्षा मिलने से उनकी भेंट लंदन के रोयल अकादमी के अध्यक्ष सर जोशुआ रेनॉल्ड्स से हो पाई और वो इतिहास के महान कलाकारों के बारे में पढने इटली जा पाए। वो स्कॉटलैंड लौटे और व्यक्तिगत (पोट्रेट) चित्रों के चित्रकार के रूप में बढियाँ पेशेवर जीवन जिया। प्रारंभिक रेखाचित्रों में यकीन ना रखने वाले वो केवल जीवंत रूप में अपने सामने बैठे हुए व्यक्ति का चरित्र बखूबी गढ़ देते थे। रंगों और प्रकाश का उपयोग करने के उनके तरीके अनूठे और कल्पनाशील हैं। छोटे चित्रों को बनाने के रेबर्न के कौशल ने उन्हें विशाल चित्रों को चित्रित करने वाले उनके पेशे में बहुत सहायता की।
- ब्रैड एलेन