फ्रेडेरिक मैकमोनीज़ (१८६३–१९३७) एक अमरीकी कलाकार थे जो कि अपनी पेंटिंग्स से ज़्यादा अपनी मूर्तिकला के लिए ज़्यादा जाने जाते हैं। मूलरूप से प्रसिद्द अमरीकी शिल्पकार ऑगस्टस सेंट-गॉडेन्स के स्टूडियो में प्रशिक्षित एवं बाद में यूरोप में प्रशिक्षित एवं कार्यरत मैकमोनीज़ ने नियोक्लासिकल पद्धति में कई कांस्य प्रतिमाएं बनायीं। वे इम्प्रेशनिस्ट शैली में पेंट भी करते थे, जिसका एक नमूना हम आज देख रहे हैं।
इस मनमोहक एवं हास्यास्पद पेंटिंग में एक बालक सैनिक बन के खेलते हुए रँगे हाथों पकड़ा गया है। उसने एक बड़ी तलवार पकड़ी है और सेना जैसी टोपी भी पहन रखी है परन्तु उसका उत्कृष्ट घोड़ा असल में एक भेड़ रुपी खिलौना है। उसके पीछे आप एक बड़ी टेपेस्ट्री का एक भाग देख सकते हैं, जो कि सम्भवतः काफी बड़े और काफी वरिष्ठ सैन्य नायकों को दर्शा रही है। लड़के के हाव भाव से यह प्रतीत होता है कि वह नहीं चाहता कि उसका यह खेल सबके दर्शन के लिए पेंटिंग के रूप में दर्ज किया जाये। वह शायद मैकमोनीज़ के एक कला छात्र का छोटा भाई होगा।
यह पेंटिंग वास्तव में बड़ी है- यह उस आकार की है जिस आकार की आप एक असल ज़िन्दगी के सैनिक की पोर्ट्रेट अपेक्षित करेंगे न कि एक खेल खेलते हुए बालक की। इसकी वजह यह है कि मैकमोनिज़ ने हाल ही में स्पेन की यात्रा की थी, जहाँ उन्होंने डिएगो वेलासकेज़ की कृतियों का अध्ययन किया था, और अब वे वेलासकेज़ से प्रभावित शैली में कृतियां बना रहे थे। अपने बड़े पैमाने की वयस्कों की पोर्ट्रेट्स के साथ-साथ, वेलासकेज़ ने बच्चों की कई विख्यात पोर्ट्रेट्स भी बनायीं। एक जो विशेष रूप से मैकमोनीज़ की पेंटिंग से मेल खाती है वह है वेलासकेज़ की 'राजकुमार बालतासार कार्लोस' (१६३४ - १६३५)। वह पेंटिंग, जो कि अब प्राडो में स्थित है, एक समान आयु के सुसज्जित युवा लड़के को दर्शाती है जो कि एक घोड़े की यूँ सवारी कर रहा जैसा किसी वयस्क की वीरतापूर्ण पोर्ट्रेट में आपको देखने मिलेगा।
- अलेक्सांद्रा कैली
अच्छा हाँ, पिछले हफ्ते हमने मैकमोनीज़ की पत्नी, मैरी द्वारा रचित एक पेंटिंग प्रस्तुत की थी। उसे देखना न भूलियेगा! :)
इसके साथ ही, जोशुआ रेनॉल्ड्स के ये चार अति सुन्दर बच्चे आपको बचपन की याद दिला देंगे।