क्लाउड मोनेट की पेंटिंग नदी की वाष्प, शहर का कोहरा और सुबह और शाम धुंध से भरी हैं। उनकी रोमन कैथेड्रल की चित्र श्रृंखला में विभिन्न रोशनी और धुंधलापन के इस्तेमाल के ज़रिये 30 से अधिक दृश्य बनाये गए हैं। द कैथेड्रल इन रोएन. द पोर्टल, ग्रे वेदर इसी धुंधलापन वाली तकनीक से बनायीं गयी एक और चित्र है |
जनवरी के अंत में या फरवरी 1892 के प्रारंभ में, मोनेट ने रौइन कैथेड्रल के विपरीत कमरे किराए पर लिए। रौइन कैथेड्रल के उभरते हुए मुखौटों को चित्रित करते हुए वह वसंत तक वहीँ बने रहे, सबसे अधिक बार जैसा कि हम यहां देखते हैं, पास के दृश्य और पक्षों को काटे गए दृश्य सबसे अधिक बार बनाये गए हैं, जैसा कि हम यहां देखते हैं। अगली सर्दियों में वह कैथेड्रल को फिर से चित्रित करने के लिए वापस आ गए, और इसके 30 से अधिक दृश्य बनाए। लेकिन मोनेट का विषय इमारत को घेरा हुआ वह वातावरण था और ना की वह नक्काशीदार गोथिक अग्रभाग। मोनेट ने कहा, "मेरे लिए मूल भाव एक महत्वहीन कारक है। मैं उस जज्बे को दर्शना चाहता हूँ जो उस मूल भाव और मेरे बीच मौजूद है।"
यहां आप देख सकते हैं कि किन अन्य श्रृंखलाओं ने मोनेट को बनाया।