युवती ने ठण्ड से बचाव के लिए गर्म वस्त्र पहने हुए हैं. उसने कई स्कर्ट, एक फर कालर, हुड, एक नकाब पहना है और एक दस्ताना पकड़ा है. उसने अपनी स्कर्ट, मानो मैले जमीन से बचाने के लिए, समेट रखी है. अंदर की स्कर्ट और सजीले जूतियों को दिखाती, यह मुद्रा एक कामुक अर्थ रखती है. उसकी निर्भीक दृस्टि से यह अर्थ और साफ हो जाता है और साथ के पद्य से यह आशय प्रत्यक्ष है: "रात्रि में अतिकोमल त्वचा पाने को / और अधिक आनंद से आलिंगन करो"
होल्लर ने बीस वर्ष की आयु में कैथोलिक प्राग छोड़ने से पहले, एक प्रोटोस्टेंट के रूप में सज्जनो का व्यवसाय स्वरुप नक्काशी सीखी थी. उन्होंने नौ वर्षों तक विभिन्न जर्मन शहरों में काम करते हुए कई स्थलाकृतिक प्रिंट और चित्र बनाएं. १६३६ में वे अर्ल ऑफ़ अरुण्डेल के समूह से जुड़ गए और उनके साथ इंग्लैंड वापस आ गए. कुछ पचास वर्षों के कार्यकाल में, उन्होंने कई विषयों पर लगभग ३००० नक्काशियां बनाई- अमूमन एक सरल यथार्थवाद के साथ जिसकी वजह से उनकी कलाकृतियां सत्रवीं शताब्दी के जीवन का महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं. इस प्रिंट में, पृष्ठभूमि में कोर्नहिल अपने जलते कोयलों के आग के साथ दिख रहा है, साथ में दाहिनी तरफ पहले रॉयल एक्सचेंज की ईमारत दिख रही है. महिला के वस्त्रों में फर और कपड़े की विविधता से होल्लर की नक्काशिकार के रूप दक्षता प्रत्यक्ष है.
आपको एक बेहतरीन और (गर्म) मंगलवार की शुभकामनाए.
पि.एस. अगर आप कला और फैशन के बीच के सम्बन्ध को जानने में रूचि रखते हैं तो यहाँ रोबर्ट कपुछि के प्रतिमा वस्त्रों के बारे में पढ़े.