हम आज के चित्र के द्वारा मन रहे हैं महीना का जो ऐतिहासिक महिलाओं को सम्पर्पित है और आज की कृति चेक महिला कलाकार द्वारा बनाई गयी थी जिसके लिए हम शुक्रगुज़ार हैं राष्ट्रीय गैलरी पराग का।
19 वीं सदी के अंत तक भी पराग में महिला कलाकारों के द्वारा बनाये गए चित्रों को प्रदर्शनियों में देख पाना बहुत ही दुर्लभ था। आधिकारिक रूप से शिक्षा का कठिनता से मिलना और बाद में किसी व्यवसाय में लीन होने में महिलाओं को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। लुईसा एहलेरोवा पराग में 1864 में रहतीं थी, बाद में उन्होंने कलाकार हाइनरिख मैक्स के साथ विवाह किया जिसके कारण वे मशहूर कलाकार गेब्रियल मैक्स की साली भी बन गयीं। वे दोनों कलाकार भाइयों से बहुत प्रभावित थीं और उनके द्वारा रंगे गए चित्रों, जैसे की महिला संतों की , मैडोना और कठिन परिस्तिथियों में महिलाओं का चित्रण करती पेंटिंग्स जैसा की इस चित्र 'टेलीग्राम' में भी दिखता , इन् दोनों सख्शियतों की उपस्तिथि मिलती है। टेलीग्राम 1895 में रुडोल्फिनुम में फाइन आर्ट यूनियन (Krasoumna jednota) द्वारा आयोजित एक प्रदर्शनी में से खरीदी गयी थी।
ये चित्र मुझे याद दिलाता है एक और मशहूर चित्र का जिसमे एक महिला और एक पत्र दर्शाये गए हैं - वेर्मीर के इस मास्टरपीस के बारे में पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।