पोलिश चित्रकार वीतोल्द व्होइतकेविच ने रचनाओं की एक श्रृंखला बनाई जो निराशावाद से भरपूर थी जिसमें उदासीनता का वातावरण काफी हावी था| व्होइतकेविच के चित्र बचकाने वृद्धों और बदसूरत बच्चों की एक घिनौनी दुनिया में रहने वाली भयानक आकृतियों से भरे पड़े हैं | ये आकृतियां एक नींद में चलने वाली परिकल्पना की नायक हैं जिसका पुनर्निर्माण कलाकार ने फंतासी में किया है| रचना में दीवार के नारंगी रंग का प्रभुत्व है और इसी पृष्ठभूमि पे एक रहस्य्मयी आकृति उभरती है ( जिसका सर खोपड़ीनुमा एवं मृत्यु के डर का आभास कराने वाला है), जिसने क्राकोवी (पोलैंड के शहर क्राकोव से संबंधित) पोशाक एक अर्ध रेशेदार जामे पर पहनी है| पृष्ठभूमि में दरवाज़े से और भी आकृतियां दिखाई पड़ रही हैं परन्तु वहां क्या घटित हो रहा है यह जान पाना मुश्किल है| ईंट की दीवार पर साफ दिखती सुखी टहनियां चिंता एवं अवसाद का माहौल और बढ़ा रही हैं| यह उलझाने वाला लगभग परभक्षी सा वातावरण व्होइतकेविच की विशेषता है, जिन्होंने अपनी मित्र एलिज़ा परेन्स्का से स्वीकार किया था "चमकीले रंगों में पुती हुई एवं क्रोध के आंसुओं से सुगन्धित, क्रूर अतिश्योक्ति मेरी आध्यात्मिक प्रेमिका है|"
आप जानते ही हैं कि हम डेलीआर्ट के पोलिश संस्करण के लोकार्पण की तैयारी कर रहे हैं, इसलिए हम समय-समय पर कुछ उदास पोलिश पेंटिंग आपके सामने प्रस्तुत करते रहेंगे ;)
हम आज की पेंटिंग राष्ट्रिय संग्रहालय क्राकोव के सौजन्य से प्रस्तुत करते हैं :)
और आप चिंता न कीजिये, संग्रहालय के संकलन में अन्य कई विश्व प्रसिद्ध मास्टरपीस भी हैं| लेओनार्दो की "एर्मिन के साथ महिला" के बारे में आप यहाँ पढ़ सकते हैं|