रेम्ब्रांट के चित्रों से कभी हमारा मन नहीं भरता ! 17वीं सदी में किसी कलाकार ने इतने आत्मचित्र नहीं बनाए हैं जितने रेम्ब्रांट ने। ये आत्मचित्र सन 1669 का है, जिस वर्ष रेम्ब्रांट की मृत्यु हुई थी, इसलिए यह शायद उनके द्वारा चित्रित आखिरी ही हो। शैली की अभिव्यंजक स्वतंत्रता से पता चलता है कि रेम्ब्रांट निश्चित रूप से अपने जीवन के अंत में थके नहीं थे। जिस तरह से उन्होंने मजबूत ब्रशस्ट्रोक के साथ चेहरे को चित्रित किया वह अद्भुत है। रंगों की मोटी परतें, जिन्हें लगभग गढ़ा ही गया है, के माध्यम से रेम्ब्रांट एक असल जीवित इंसान को दर्शा रहे हैं। यह सच में एक अति उत्कृष्ट कृति है।
हम हेग (the Hague) में अपने पसंदीदा Mauritshuis के लिए आज के कार्य को प्रस्तुत करते हैं। :)
P.S. यहाँ रेम्ब्रांट द्वारा रचित छह शानदार स्व-चित्र देखें!
वैसे हम इस डेलीआर्ट को अपने पसंदीदा लेखकों में से एक - साइमन शामा को समर्पित करना चाहेंगे, जिन्होंने एक अद्भुत पुस्तक "रेम्ब्रांट्स आईज़ "("Rembrandt's Eyes") लिखी थी। हम इसकी अत्यधिक अनुशंसा करते हैं!