लुईस जॉपलिंग 19वीं सदी के अंत के समयकाल की एक प्रमुख, महत्वपूर्ण महिला चित्रकार थीं, जो अपने समय के सबसे प्रतिष्ठित कलात्मक क्षेत्र में सक्रिय थीं। मैनचेस्टर, इंग्लैंड में उनका जन्म हुआ, पेरिस में चार्ल्स चैपलिन की वह शिष्या थीं, जो एक रोमांटिक पोर्ट्रेट एवं परिदृश्य चित्रों के पेंटर थे, और केवल महिला छात्राओं को ही शिक्षा देने के लिए जाने जाते थे। विख्यात अमेरिकन प्रभाववादी चित्रकार मेरी कसाट भी उनकी छात्राओं में से एक थीं। चैप्लिन के अध्ययन मार्गदर्शन से जॉपलिंग को शरीर-रचना विज्ञान सीखने का दुर्लभ अवसर मिला, न्यूड मॉडल की अनावृत देह से - एक ऐसा ज्ञान-अनुभव जो आमतौर पर विक्टोरियन इंग्लैंड में महिला कलाकारों को अप्राप्त था।
1878 में, तृतीय पेरिस विश्व नुमाइश में जॉपलिंग ने एक आधुनिक सिंड्रेला को प्रदर्शित किया। यह सम्मोहक, दमदार छवि जानी पहचानी सिंड्रेला की कहानी को पुनः सजीव करती है, उसके जीवन का अन्यायी जुल्म और उसके बाद आने वाला प्रफुलित प्रतिफल। शिनाख्त के लिए प्रयोजनीय जूता अग्रभूमि मैं रखा गया है, वहां दर्पण में प्रतिबिंबित घड़ी रात के 12:00 बजा रही है, जैसे ही सिंड्रेला अपने गाउन को लटका रही है। दाहिनी अग्रभूमि में उसके काले जूते और दिन में पहनने की पोशाक एक कुर्सी पर बिछे हैं।
पूरी तरफ कथात्मक तत्व बिखरे होने के बावजूद, पेंटिंग का मूल अर्थ अस्पष्ट सा रहता है। कलाकार का चित्रफलक भी दर्पण में प्रतिबिंबित हो रहा है, शायद लक्षित करता है कि कैमरा/सेटिंग जॉपलिंग का स्टूडियो हो सकता है। क्या उन्होने इस नाटकीय दृश्य में स्वयं को सिंड्रेला की भूमिका दी है? क्या वह कलाकार और मॉडल, दोनों ही हैं? क्या यह एक स्वचित्र है, जहां वह खुद को एक सुरुचिपूर्ण प्री-रेफेलाईट ड्रेस में चित्रित कर रही हैं? संभवत: उनका संकेत उनका महिला कलाकार होने की वजह से उनकी हृसित सफलता पर है, जिसका प्रतीक उनका महंगी फ्रॉक उतरना है? अंततः जॉपलिंग ने दर्शकों को चुनौती दी है कि वह इस अस्पष्ट विवरण का अनुवाद करें, और इससे कई अनुवादों की संभावना भी खुल जाती है।
पी.एस. 20वीं सदी से पहले महिलाओं के लिए योग्य कला शिक्षा प्राप्त करना बहुत कठिन था। यह भी एक कारण था कि महिला कलाकार बहुत गर्व के साथ अपने स्वचित्र बनाती थीं, जिसमें वह स्वयं को कलाकार के रूप में चित्रित करती थीं। एक नज़र डालिए, कुछ कहानियां उन महिलाओं की जो कला शिक्षा के लिए संघर्ष कर रही है!