यह खूबसूरत वुडकट प्रिंट जापान की एक प्रसिद्ध प्रतिशोध की कहानी को चित्रित करता है। 1642 में, एक द्वेषपूर्ण तलवारबाज़ी के उस्ताद ने तामिया जैनपाचीरो की हत्या कर दी। उनका अनाथ पुत्र बोटारो (जो दाहिनी और दर्शित है), अपने पिता की मौत का प्रतिशोध लेने का प्रण लेता है, और अपनी दाई-मां ओत्सूजी (बांई और दर्शित) के प्रोत्साहन और हौंसले से अपनी युवावस्था तलवारबाज़ी में निपुणता सीखने में बिताता है। 17 साल की उम्र में बोटारो ने अपने प्रतिशोध की प्रतिज्ञा पूरी की, अपने पिता की हत्या का बदला लिया। उसके उपरांत ओत्सूजी, जिसने बोटारो के प्रशिक्षण के प्रण को पूरा निभा दिया था, धार्मिक अधिनियम के मठ में प्रवेश कर गईं।
निसंदेह, यूरोपीयन आर्ट नूवो का प्रभाव इस वुडब्लॉक प्रिंट की संरचना पर सुस्पष्ट है, संभवत: योरितोशी ने कभी यूरोपीयन मूलप्रति पेंटिंग्स कभी ना देखी होंगी। उनके गुरु, उटागावा कुनियोशी ने यूरोपीयन कला की प्रतिकृतियों को छुपा कर रखा, अपने छात्रों के लिए सुलभ एवं प्राप्य रखा, जबकि जापान बाहर की दुनिया से पृथक था। पारंपरिक उकियो-ए के आखिरी और सबसे प्रतिभावान कलाकार त्युकिओका योशीतोशी का जन्म टोकुगावा शोगनेट के अंतिम वर्षों के दौरान हुआ। उनका ज्यादातर व्यस्क जीवन आधुनिकीकरण होने वाले मेजी युग में बीता। पश्चिमी कला से प्रभावित हो कर, उन्होंने पारंपरिक जापानी शिल्पकला / दस्तकारी और पश्चिमी प्रभावों को एक नया संतुलित रूप देने का प्रयास किया। उनकी नवीन रचनाएं एवं कला-रेखाएं, उनके व्यक्तित्वों और सजीव क्षणों को कैद कर संजोने की अनूठी क्षमता, युकियो-ए में बेजोड़, और कला इतिहास में दुर्लभ है।
पी.एस. जापानी कला अति विविध, मुख्तलिफ़ है। एक नज़र डालें यह कुछ सबसे गज़ब के जापानी वुडब्लॉक प्रिंट्स पर !