मार्केसा लूईसआ कासाटी विद ए ग्रेहाउंड by Giovanni Boldini - 1908 मार्केसा लूईसआ कासाटी विद ए ग्रेहाउंड by Giovanni Boldini - 1908

मार्केसा लूईसआ कासाटी विद ए ग्रेहाउंड

तेल के रंगों से केनवस पर बना चित्र •
  • Giovanni Boldini - December 31, 1842 - July 11, 1931 Giovanni Boldini 1908

8 मार्च से 3 जून, 2018 तक, राइकसमयूज़ियम (Rijksmuseum) एक शानदार प्रदर्शनी प्रस्तुत करता है, हाई सोसायटी (High Society), जिसमें चार सदियों के पोर्टेट चित्रकला की मोहक तड़क-भड़क के इतिहास के महान उस्ताद चित्रकारों की कृतियां शामिल हैं, जैसे क्रानाख़, वेरोनेज़े, बेलास्केस, रेय्नोल्डस, गेंसबोरो, सार्जेंट, मुकं और मानेय। आप इस बड़ियां प्रदर्शनी के बारे में अधिक जानकारी यहां पढ़ सकते हैं। अगर आप एम्स्टर्डम भ्रमण के लिए नहीं आ सकते, तो हम आपके लिए कुछ ख़ास लाये है - DailyArt में इस प्रदर्शनी से हम दो-एक विशिष्ट पोर्ट्रेट चित्र प्रस्तुत करेंगे। DailyArt के पुरालेख संग्रह में आप हाई सोसायटी के हमारे अन्य विषेश रूप से प्रदर्शित कार्य देखिए :)

बेल एपोक की लज्जाजनक अपव्यय, अधिकता और उत्केन्द्रीक मौज-मस्ती का मारकेसा लूईसा कासाटी के चटकीले - भड़कीले व्यकतित्व से कोई बेहतर प्रतीक नहीं है। छह फीट लंबी और रेक सी अत्यधिक पतली, प्रक्षालित त्वचा, आंखों पर भारी मेकअप, ज्वलंत लाल या पन्ने से हरे रंगे बाल; उनकी उपस्थिति अविस्मरणीय थी। फैशन डिजाइनर जैसे कि मारियानो फॉरच्यूनी (1871 - 1949) और पॉल पुआरे (1879 - 1944) की वह संरक्षिका थीं, और अजीबोगरीब मनगढ़ंत वस्त्र पहनती भी थी - जेनेरेटर लगा लाइट बल्बों से बना हुआ ड्रेस। या फिर एक ऐसा जो सफेद मोर पंखों से बना था, वो पंख उनके निजी चिड़ियाघर के सफेद मोर से तोड़े गए थे। जीवित सांपों को आभूषणों की तरह पहन कर वह वेनिस में चारों ओर प्रदर्शन करती हुई घूमती थीं, साथ दो पालतू चीतों जिनके पट्टे हाथ में लिए। वह वहां पालाज्जो वेनियर देई लियोनी में रहतीं थीं (अब यह पेगी गुगेनहाइम संग्रहालय है)। उनके विभिन्न निवासस्थानो, वेनिस, बाद में कैप्री द्वीप, पेरिस के कुछ बाहर पैले डु रेव ( पहले रोबर्ट डि मोंटेस्कयू-फेज़ेंसैक का घर होता था) पर कई जानी-मानी पार्टियों का आयोजन करती थीं, जहां न केवल शैंपेन पानी की तरह बह रही होती थी, कोकेन और अफीम की भी कोई कमी नहीं होती थी। अतिथि सूची तो उच्च समाज एवं अवांट गार्ड के उच्च कोटि के लोग ही थे जिनमें कायसर विल्हेम द्वितीय (1859 - 1941) से लेकर बैले रसेस के संस्थापक सर्गेई पावलोविच डियाघिलेव (1872 - 1929) और भविष्यवादी चित्रकार अल्बर्टो मार्टीनी (1876 - 1954) तक शामिल थे। और शामिल थे उपन्यासकार मिशेल जॉर्जेस-मिशेल (1883 - 1985) जिन्होंने अपने कुछ पात्र मार्केसा पर आधारित किये। तो आश्चर्य की बात नहीं है, ध्यान में रखते हुए, उनकी जीवन की महत्वाकांक्षा थी कि वह एक “जीवित कलाकृति” बनें, वह लगभग दो सौ पोट्रेट चित्रों की मॉडल बनी, जेकब एप्स्टीन (1880 - 1959) की कांस्य प्रतिमा, और मैन रे (1890 - 1970) के फोटोग्राफिक चित्र भी उसमें शामिल हैं। 1932 तक कासाटी ने अपनी सारी पारिवारिक संपत्ति बर्बाद कर दी। ऊपर से करोड़ों का कर्ज भी चढ़ा लिया। उनका सब सामान नीलाम कर दिया गया। फिर बाकी की जिंदगी लंदन में, हैरोडस के करीब, एक बेडरूम वाले फ्लैट में, जिन शराब पीते और मृतकों की आत्माओं को संपर्क करने की कोशिश में बिताई थी।

कुछ कपड़े के टुकड़े इत्यादि ढूंढने के लिए वह कूंड़े के डब्बे छानती फिरती, फैशन अलंकारों की तरह उपयोग करने के लिए, और आंखों पर काजल कि बजाय काला जूता पॉलिश को लगाती। उनके जीवन पर आधारित 1965 में एक नाटक बना ला कॉन्टेसा  जिसमें विवियन लेह ने अभिनय किया, और 1976 में एक फिल्म बनी, ए मैटर ऑफ टाइम, जिसमे इंर्गिड बर्गमैन ने अभिनय किया था। पिछले कुछ दशकों में, जॉन गालियानो, अलेक्ज़ेंडर मैक्वीन, कार्ल लागरफेल्ड और अन्य कई फैशन डिजाइनरो ने उनकी शैली पर आधारित अपने संग्रह प्रस्तुत किये हैं।

कल फिर मिलते हैं :)