फ्रांस की प्रभाववादी चित्रकार, मैरी कसाट ने यह चित्र 1881 में लगी एक प्रभाववादी प्रदर्शनी में दिखाया था l वह प्रतिदिन होने वाली आम स्तिथियों को दर्शाने के लिए प्रसिद्ध थीं l उच्च-मध्य स्तर की महिलाओं के लिए दोपहर की चाय एक सामाजिक रिवाज़ था l लगभग 1880 में कसाट ने इस रिवाज़ को अपने चित्रों का विषय बनाया था जब वह विदेश में रह रहीं थीं l इस चित्र के लिए उनकी आदर्श थी उनकी बहन, लिडिया, जो अपने माता-पिता के साथ 1877 में पेरिस आ गईं थीं l
लगता है चाय का समय हो गया है ! चाय पीते-पीते आप देखिए मैरी कसाट के नारीवादी भित्ति चित्र जो अब गुम हो चुके हैं l