लुक्रेशिया से प्रेरित एक महिला की पोर्ट्रेट by Lorenzo Lotto - लगभग १५३०-३२ - ९६.५ x ११०.६ सेमी. लुक्रेशिया से प्रेरित एक महिला की पोर्ट्रेट by Lorenzo Lotto - लगभग १५३०-३२ - ९६.५ x ११०.६ सेमी.

लुक्रेशिया से प्रेरित एक महिला की पोर्ट्रेट

कैनवास पे तेल • ९६.५ x ११०.६ सेमी.
  • Lorenzo Lotto - c. 1480 - 1556/57 Lorenzo Lotto लगभग १५३०-३२

लोटो शुरुआती सोलहवीं शताब्दी के अग्रणी वेनिस-प्रशिक्षित कलाकारों में से एक थे। उन्होंने वृहद् रूप से पोर्ट्रेट्स एवं धार्मिक कृतियां बनाई। उनकी शुरुआती कृतियां जिओवान्नि बेल्लिनी से काफी प्रभावित हैं। लोटो इटली में कई स्थानों में सक्रिय थे और उन्होंने लोम्बार्ड के यथार्थवाद से लेकर रफाएल तक अन्य प्रभावों की वृहद् श्रृंखलाओं को समाहित किया था। वे बहुत धार्मिक थे और उनकी बाद की पेंटिंग्स प्रचंड रूप से आध्यात्मिक बन जाती हैं।

टिशन (दिग्गज वेनेशियन चित्रकार) से मुक़ाबला करने में असमर्थ, लोटो ने प्रमुख रूप से वेनिस के बाहर काम किया।

इस एक ओर झुकी हुई महिला की निर्णायक रूप से पहचान नहीं हो पायी है। चमचमाते हुए हरे एवं नारंगी रंग की एक भव्य एवं नज़ाकत से पेंट की हुई पोषक पहने हुए, वह हमारा ध्यान उसके बाएं हाथ में पकड़े हुए चित्र की और निर्दिष्ट करती है। चित्र में उसकी रोमन हमनाम लुक्रेशिया को दिखाया गया है जो कि राजा टारक्विन के पुत्र द्वारा बलात्कार किये जाने के बाद स्वयं को चाकू घोंपने वाली है।

पेंट की पारदर्शिता ये बताती है कि लोटो ने आरम्भ में लुक्रेशिया को रंग में चित्रित किया था न कि श्वेत-श्याम रूप में। यह पोर्ट्रेट न सिर्फ मॉडल (चित्र के लिए बैठने वाली) की खूबसूरती को दिखाती है अपितु उसके शील को भी दर्शाती है। यह संदेश टेबल पर रखे कागज़ से रेखांकित होता है जो कि रोमन इतिहासकार लिवी से उद्धृत है: 'लुक्रेशिया के उदाहरण के बाद कोई भी शोषित महिला जीवित न रहे'।