जैसा की आप जानते हैं की मार्च के महीने को समर्पित किया गया है महिलाओं को और ये सबब हमारे दिल के बहुत करीब है - इस उपलक्ष पर हम आपके समक्ष प्रस्तुत करेंगे महिला कलाकारों को जो अक्सर कला इतिहास में भुला दीं गयीं। ये आज का चित्र इसी मार्च के महीने जो महिलाओं को समर्पित है, का उत्स्व मना रहे हैं यूरोपीना (यूरोप की सांस्कृतिक विरासत का एक मंच) के साथ। कला , विज्ञान व् यूरोप समाज की अद्भुत महिलाओं के बारे में जानने के लिए पायनियर प्रदर्शनी को ऑनलाइन देखें। जो चित्र आज हम पेश कर रहे हैं वो स्टॉकहोल्म राष्ट्रीय संग्राहलय के संग्रह में से है।
जूडिथ लेस्टर (1609 -1660 ), एक डच स्वर्णिम युग की कलाकार थीं जो हार्लेम में पैदा हुईं। उनके पिता जी "लेस्टर" नामक एक शराब की भट्टी चलाते थे जिस से उन्हें उनका पारिवारिक नाम मिला। जूडिथ ने बहुत छोटी उम्र में ही पेंट करना शुरू कर दिया था , परन्तु कलाकार के रूप में उनके विकास के ऊपर जानकारी काफी सीमित है। कवी सैमुएल अमेजिंग के हिसाब से उन्होंने फ़्रांस पिएटर्सज़ून दे ग्रेब्बेर के साथ काम किया था। हालांकि ये जानना मुश्किल है उन्होंने फ्रांज़ हलस के साथ कार्य किये या नहीं परन्तु उनकी कला पर फ्रांज़ की छाप साफ़ दिखाई देती है। 1633 में हार्लेम के संत लुक संघ में शामिल होने वाली वे पहली महिला कलाकार थीं।
अपने कार्यों , अक्सर पोर्ट्रेट नुमा दृश्यों में , वे एक से ले कर तीन पात्रों को रंगा करती थी जो खुशमिजाज़ी झलकाते थे और अमूमन वे कोरी पृष्टभूमि में दर्शाये गए जिसमे बच्चे व् शराब पीते हुए मर्द शामिल थे। लेस्टर घरेलु ज़िन्दगी से जुड़े दृश्यों को चित्रित करने में काफी अभिनव थीं।
ये चित्र लेस्टर के सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से एक है। ये पेंटिंग 1630 के साल में बनायी गयी थी। इस चित्र की रचना उनके नायाब प्रयोगों में से एक है जहाँ स्टिल लाइफ शैली व् पोर्ट्रेट शैली का मिश्रण किया गया है। इस चित्र के 1871 में अधिग्रहण के सन्दर्भ में, ये चित्र जान डे ब्रे द्वारा फ्रांज़ हलस का बताया गया था (नाम चिन्ह साफ़ होने के बावजूद) | 1893 में हॉफ़स्टेड डे ग्रूट ने इस चित्र को जूडिथ लेस्टर के नाम से पहचान कार्यवाई।
P.S. : एक और बारोक शैली की बेहतरीन कलाकार आर्टिमिसिया गेंतीलची के बारे में जानने के लिए इस लिंक को क्लिक करें।