आज हम समय में जमे हुए एम्स्टर्डम का एक मनोरम दृश्य प्रस्तुत करते हैं। १८वीं सदी का रामपूर्तजे ब्लूमग्राचट के पास एम्स्टर्डम शहर की प्राचीर का हिस्सा था। छोटा गेट शहर की दीवार के बाहर ब्लीचिंग फील्ड तक पहुंच देता था, जहां लकड़ी के तख्ते पर सूखने के लिए रंगे कपड़े बिछाए जाते थे, जिससे रामपुर्जे (फ्रेम गेट) का नाम पड़ा। यहां हम ब्लीमग्राच पर घरों के पिछले ब्लीचिंग क्षेत्रों से ठंडे और सर्द शहर की ओर देखते हैं। वेस्टरतोरें दूरी में उगता है। १८४६ में गेट को ध्वस्त कर दिया गया था।
क्या आप उस आदमी को पुल के नीचे देखते हैं? वह क्या करता है? कभी-कभी डच चित्रकारों का यथार्थवाद के प्रति प्रेम मुझे चकित कर देता है।
हम आज के कार्य को रिज्क्सम्यूजियम की बदौलत प्रस्तुत करते हैं।
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