परी कथा by Hugo Simberg - 1898 - 21 x 13 से०मी० परी कथा by Hugo Simberg - 1898 - 21 x 13 से०मी०

परी कथा

तैल चित्रण • 21 x 13 से०मी०
  • Hugo Simberg - June 24, 1873 - July 12, 1917 Hugo Simberg 1898

फिनिश राष्ट्रीय चित्रदीर्घा के समूह से विशेष प्रस्तुतियों का आज हमारा आखिरी दिन है जिसे हम Europeana.eu की सहायता से कर पाए हैं। अगले रविवार से हम एक अन्य उत्कृष्ट कृतियों के समूह की प्रस्तुतियों का एक नया विशेष माह शुरु करने वाले हैं - जिसपर हमें आपकी प्रतिक्रियाओं की बेसब्री से प्रतीक्षा रहेगी।

ह्यूगो गेर्हार्ड सिम्बर्ग (24 जून 1873 – 12 जुलाई1917) फिनिश प्रतीकवादी चित्रकार थे। सिम्बर्ग फिनिश प्रतीकवाद के प्रमुख चित्रकारों में से एक हैं। उनकी कृतियों में काल्पनिक चरित्र जिनमें परियाँ, शैतान और मृत्यु इत्यादि होते हैं बहुत ही अनुकरणीय ढंग से दर्शाए गए हैं। १८९० के दशक के प्रारंभिक वर्ष ललित कला में बदलाव का समय था। एक नए तरीके, प्रतीकवाद जो दर्शनीय संसार के चित्रण को और अधिक पूर्ण करता था, का उभार हुआ। उस समय सिम्बर्ग जो कि पारम्परिक रूप से अटेनियम में शिक्षा ग्रहण कर रहे थे ने बहुत साहस करके एक्सेल गैलेन जो रूवेसी में 'वाइल्डरनेस स्टुडियो' का निर्माण कर रहे थे को लिखकर अनुरोध किया और  उनके यहाँ एक निजी छात्र के रूप में प्रवेश माँगा। गुरु के सकारात्मक उत्तर ने सिम्बर्ग के पेशेवर जीवन में एक नए अध्याय के शुरुवात की आधारशिला रख दी थी। सिम्बर्ग के लिए रुवोसी में बिताया समय उनकी अपनी रचनात्मकता को ढूँढने का काल था। शहरी जीवन की भागमभाग और जिम्मेद्दारियों को पीछे छोड़ते हुए उनका अब अचानक से फिनिश जंगलों और अंधेरे पतझड़ के मौसम से सामना हुआ था।

१८९५ में बनाई गई, परी कथा १ सिम्बर्ग की उन प्रमुख कृतियों में से एक है जिसमें प्रकृति के शक्तिशाली प्रभावों, सिम्बर्ग के काल्पनिक संसार और उनके कलात्मक लक्ष्यों को एक बिल्कुल ही नए रूप में पिरो दिया गया है।

"मेरी समझ से एक कलाकृति वो कार्य है जो मुझे दूसरी दुनिया के बारे में बताती है और मुझमें उन भावनाओं को जगाती है जिसे कलाकार कहना चाहता है। यह आवश्यक है कि यह मुझे उन बातों को सोचने पर विवश करने वाली होनी चाहिए जिसके बारे में हम प्रतिदिन नहीं सोचते और इसकी छवि और इससे उपजे विचार मेरे मष्तिष्क में लंबे समय तक बने रहने चाहिए। यह बेहद स्पष्ट है कि ऐसा प्राकृतिक रह कर किया जा सकता है लेकिन यह और भी स्पष्ट है कि इसे शैलीकरण के जरिए और आसानी से किया जा सकता है।"

- ह्युगो सिम्बर्ग अपने जुडवा भाई पॉल सिम्बर्ग को २ फरवरी १८९६ को लिखे एक पत्र में। ह्युगो सिम्बर्ग अभिलेखागार, फिनिश राष्ट्रीय दीर्घा।

अगर आप फिनिश कला के बारे में और भी जानना चाहते हैं तो आप डेलीआर्ट पत्रिका में हैमे में वेर्नर होल्मबर्ग मार्ग पर लिखा हमारा आज का लेख पढ सकते हैं। मज़ा लें।