यह कृति ५ अक्टूबर, २०१८ से १३ जनवरी २०१९ तक एम्स्टर्डम के वैन गोघ संग्राहलय के मर्टिनिक में गोगेन और लवाल प्रदर्शन में लगी है (और हम आपको प्रोत्साहित करते हैं वहां जाने के लिए :)
पेरिस का जीवन जिसे वे पतनोन्मुख मानते थे, उससे असंतुष्ट हो कर पॉल गोगेन (१८४८-१९०३) और चार्ल्स लवाल (१८६१-१८९४) फ़्रांसिसी द्वीप, मर्टिनिक चले गए I अनूठे क़रीबीएन द्वीप पर अपने प्रवास के दौरान उन्होंने बेहतरीन कलाकृतियों की श्रृंखला की रचना की I इस यात्रा का उनके कलात्मक विकास पर भारी प्रभाव पड़ा I
मर्टिनिक में गोगेन और लवाल में द्वीप पर गोगेन और लवाल द्वारा बनाए गए हल्के, रंगीन चित्रों के साथ प्रारंभिक अध्ययन और विशाल वृहद् पैस्टल्स के वृहद् चुनाव को दिखाया जा रहा है I यह पहली बार है जब उनके मर्टिनिकन काल से इतने सारे कृतियों को एकसाथ प्रदर्शित किया जा रहा है I
विन्सेंट वैन गोघ और उनके भाई थीओ जो कला का व्यापार साथ करते थे, उन्होंने गोगेन के मर्टिनिक के वापस लौटते ही आम के पेड़ अपने संग्रह के लिए खरीद लिया I यह संग्रह आज वैन गोघ संग्राहालय के समकालीन कृतियों के स्थायी संग्रह के ह्रदय में है I
विन्सेंट वैन गोघ ने इस चित्र को 'उच्च काव्य' कहा I गोगेन भी इस कृति से काफी संतुष्ट थे, और अपने मर्टिनिक प्रवास से सर्वश्रेष्ठ चित्र मानते थे I
अगर आप प्रदर्शनी देखने नहीं जा सकते तो यहाँ से कैटलॉग खरीदें I