इस विशाल ईरानी कालीन को लंदन के विक्टोरिया नाड अल्बर्ट म्यूजियम के इस्लामिक मिडिल ईस्ट गैलरी में लगाया गया है।
एक बड़ी से फूलों की रचना ने अधिकांश सतह को ढका हुआ है। गहरे नीले पृष्ठभूमि से पौधों की बहुलता पर जोर पड़ता है। कालीन का स्वरुप ईरानी मस्जिद के सिरेमिक टाइल्स के सौन्दर्यात्मकता से मिलती जुलती है ी
अर्द्बिल कालीन दो तत्वों की वजह से खास तौर से प्रभावशाली है . पहली , उसमे २६ मिलियन ऊनी और रेशमी गांठे हैं जिसकी वजह से इसमें काफी ज्यादा हाथ की कारिगरी है . दूसरा , इसमें दायी तरफ अभिलेख में मिथकीय फ़ारसी दोहे को लिखा गया है और हस्ताक्षर मुस्लिम कैलेंडर के वर्ष ९४६ (१५३९ - ४० ) का है . इस कालीन में ऐसे अभिलेख का होना इस कृति की महत्ता पर जोर डालता है .
यह तथ्य यह दर्शाते हैं की इसे किसी महान वयक्ति ने किसी बड़े उत्सव के लिए बनवाया होगा . ऐसा प्रतीत होता है कि ईरान के शाह तहमास्प (१५२४ - १५७६ ) खुद बुनाई के कद्रदान थे और अपने पूर्वज की दरगाह के लिए कालीन बनवाया जिन्होंने सफ़विद सूफी परंपरा अर्द्बिल (ईरान ) में शुरू किया १३०१ में .
- कालीन मेरिक
पि .इस . विक्टोरिया एंड अल्बर्ट म्यूजियम में कई बेहद सुन्दर कलाकृतियों को प्रदर्शन के लिए रखा गया है ! इन १० बेहद सुन्दर कीमोनो को देखे यहाँ