यह मार्च का महीना है इसलिए हम महिला इतिहास माह के अपने उत्सव को जारी रख रहे हैं।
क्या आपको एडमोनिया लुईस याद है? एक सप्ताह पहले हमने उनकी एक मूर्ति दिखाई थी। कलाकारों के काम स्वयं उनके बारे में बहुत कुछ बोलते हैं। लेकिन कभी-कभी हम यह भूल जाते हैं कि महान लोग भी असली लोग थे। और हम डेलीआर्ट पर बहुत कम ही फोटोग्राफी दिखाते हैं। तो इस ख़ास मौके पर एडमोनिया का फोटोग्राफ देखिए।
उनका जीवन आसान नहीं था। वह १९ वीं सदी के समाज में घुटती हुई एक महिला थी। ऐसे समय में एक महिला के लिए कला में करियर बनाना बहुत मुश्किल था। वह एक मूर्तिकार बनना चाहती थीं, जो और भी कठिन था। इसके साथ ही, वह एक काले पिता और मूल अमेरिकी माँ की अनाथ बच्ची थीं। सभी कठिनाइयों के बावजूद, उन्होंने यह कर दिखाया और एक मूर्तिकार की १९ वीं सदी की परिभाषा को बदल दिया। वह बहुत बहादुर रही होंगी।
आने वाले समय में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय पहचान को हासिल किया। ओबेरलिन कॉलेज में शिक्षित, सबसे पहले वह बोस्टन में बसीं। यहाँ उन्होंने प्रमुख राजनेताओं, लेखकों और उन्मूलनवादियों के पोर्ट्रेट बस्ट एवं पदक बनाए। १८६५ में वह रोम जाकर विदेशों में रहने वाले अमेरिकी और ब्रिटिश कलाकारों के सक्रिय समुदाय में शामिल हुईं। व्यापक रूप से लोकप्रिय नियोक्लासिकल शैली को अपनाने के बाद, उन्हें बाइबल एवं शास्त्रीय पौराणिक कथाओं के साथ-साथ अफ्रीकी अमेरिकी इतिहास की कहानियों से प्रेरणा मिली। उनकी मूर्ति हमेशा के लिए मुक्त (फॉरएवर फ्री, १८६७) में एक अफ्रीकी अमेरिकी युगल को दिखाया गया है जो पहली बार मुक्ति उद्घोषणा की खबर सुनते हैं। इस कार्य को देखकर एक आलोचक ने आश्चर्यचकित होकर यह कहा था कि "जो कोई भी 'कॉटन किंग' के अधीन पैदा नहीं हुए हैं, गहराई के भाव के बिना मूर्तिकला के इस टुकड़े को नहीं देख सकते हैं।" हालाँकि लुईस को कई दशकों तक अभूतपूर्व सफलता मिली थी, लेकिन वह अनजान ही गुज़र गईं थीं।
अनुलेख: एडमोनिया लुईस की शानदार मूर्तिकला और रहस्यमयी जीवन की कहानी यहाँ पढ़िए। <३