लुच्चा माडोना by Jan van Eyck - ल. 1437 - 65.7 × 49.6 सेमी लुच्चा माडोना by Jan van Eyck - ल. 1437 - 65.7 × 49.6 सेमी

लुच्चा माडोना

ओक की लकड़ी पर मिश्रित तकनीक से • 65.7 × 49.6 सेमी
  • Jan van Eyck - before c. 1390 - July 9, 1441 Jan van Eyck ल. 1437

आज रविवार है इसलिए समय हो गया है सितादेल संग्रहालय से आपके लिए एक और उत्कृष्ट कृति का। :) आनंद लें!

लुच्च्चा मडोना  ने अपने अज्ञात संरक्षक के लिए व्यक्तिगत भक्तिमय कलाकृति का कार्य किया। यह चतुराई से हमें दर्शाये गये कक्ष में ले जाती है और वहां के उदार व निजी परिस्थितियों में सहभाग लेने का मौका देती है। यह प्रभाव कक्ष के आंतरिक भागों के चित्रांकन के विशेष तरीके से आया है। ना ही केवल दोनों ओर की दीवालें बल्कि टाइल लगा फर्श और उस पर बिछी कालीन भी हमारी ओर आती हुई प्रतीत होती है, जैसे कि वो चित्र से बाहर हमारे ही कक्ष में हो। फिर भी विभिन्न वस्तुओं जैसे कि सतह, त्वचा, बाल, वस्त्रों के रेशे, कालीन, दीवाल, ग्लास, पानी, धातु, टाइल और लकड़ियों को जिस व्यंजकता के साथ दिखाया गया है उससे वास्तविकता के बोध पर भी जोर गया है। हालांकि इसकी प्रकृति जितनी भी शानदार हो यह चित्र प्रतीकवाद के चिन्हों से भरा पड़ा है। जैसे कि, शिशु क्राइस्ट के हाथ में फल मनुष्य के गिरावट की ओर संकेत करता है। शेर के आभूषण से सुसज्जित सिंहासन न्यायप्रिय न्यायाधीश राजा सोलोमन, क्राइस्ट के एक पूर्वज का संकेतक है।

अपने जीवनकाल में बहुत प्रसिद्ध रहे जान वैन आइक जो कि बुरगुन्डी के ड्युक की सभा में चित्रकार थे का निधन १४४१ ई० में हुआ था। अपनी मृत्यु के ३, ४ वर्ष पहले उन्होंने यह चित्र बनाया था, जो आज भी उतना ही मनोहर है जितना पहले था। इसका नाम इसके एक पूर्व मालिक से मिला। उन्नीसवीं सदी में यह चित्र टस्कनी में लुच्चा के ड्युक के संग्रह का हिस्सा था।

सितादेल संग्रह यूरोप के ७०० वर्षों के समृद्ध इतिहास जो कि मध्य युग, रिनैंसां, बरोक, शास्त्रीय आधुनिकता और आज की कला का लेखा जोखा देता है। जरा देखें!